भूत की प्रेम कहानी (bhoot ki prem kahani)- हॉरर स्टोरी इन हिंदी:
प्रेम ऊपर वाले का दिया हुआ, अनमोल उपहार है और जिस व्यक्ति को यह नसीब होता है, उसे जीते जी स्वर्ग प्राप्त हो जाता है, लेकिन कुछ ऐसी भी प्रेम कहानियां हैं, जो एक तरफ़ा आगे बढ़ती है | कुछ को उनकी मंज़िल मिल जाती है और कुछ बदनसीबी के, गलियारों में भटक जाते हैं | इसी से प्रेरित होकर, भूत की प्रेम कहानी हॉरर लव स्टोरी लिखी गई है | एक बहुत ही बड़ा कॉलेज था, जहाँ कई शहरों और गांवों के बच्चे पढ़ते थे और उन्हीं बच्चों में एक आशा नाम की लड़की भी थी, जो विज्ञान की छात्रा थी | आशा बहुत ही सरल स्वभाव की लड़की थी | वह लड़कों से बात करने में कतराया करती थी | एक बार आशा की क्लास का, एक ट्रिप प्लान किया जाता है, जिसके लिए कुछ लड़कियों को ही चुना जाना था | एक बहुत ही पुरानी गुफा है, जिसके निर्माण में नायाब कारीगरी से की गई थी और उसके विज्ञान को समझने के लिए, कॉलेज की विज्ञान संस्करण से जुड़ी हुई छात्राओं को ट्रिप के लिए शामिल किया जाता है, जिसमें कुल 16 लड़कियों को जगह दी जाती है और आशा भी उन्हीं में से एक थी | ट्रिप में चयन होने से आशा को प्रोत्साहन मिलता है | वह विज्ञान से जुड़े शोध करने के लिए पहले से इच्छुक थी और वह ट्रिप के लिए तैयार हो जाती है | अगले दिन सुबह पाँच बजे, उस रहस्यमयी गुफा के लिए, इन्हें निकलना था | ट्रिप में घूमने जा रही सभी लड़कियों ने, अपने लिए ज़रूरी चीज़ें व्यवस्थित कर ली थी | अगली सुबह होते ही सभी लड़कियाँ, समय से कॉलेज पहुँच जाती हैं और जाने वाली बस में जाकर, बैठ जाती है | कॉलेज के बाहर लड़कियों का यह पहला ट्रिप है और इसलिए, सभी छात्राओं के अंदर, घूमने जाने की एक अलग ही ऊर्जा है, लेकिन आशा एक अनदेखे ख़तरे से अनजान थी | वह नहीं जानती थी कि, यह ट्रिप उसकी ज़िंदगी बदलने वाला था | गुफा के लिए सफ़र शुरू हो जाता है | गुफा का रास्ता पहाड़ के किनारे से होकर जाता था, जिसके लिए लगभग 40 किलोमीटर की यात्रा की जानी थी | सफ़र को रोमांचक करने के लिए, सभी लड़कियाँ बस के अंदर, अन्ताक्षरी खेलते हुए जा रही थी | सभी के चेहरे, खिले हुए थे | बस के अंदर एक महिला शिक्षक भी यही थी, जिन्हें इस ट्रिप का मेंटोर बनाया गया था और उन्हें गुफा के अंदर, मार्गदर्शन देने की ज़िम्मेदारी दी गई थी | एक घंटे के सफ़र के बाद बस, गुफा के सामने पहुँच जाती है | यह गुफा पहले से ही, लोगों में डर के लिए बदनाम थी, इसलिए यहाँ ज़्यादा लोग नहीं आया करते थे, इसलिए यहाँ दूर दूर तक कोई व्यक्ति दिखाई नहीं दे रहा था | बस का ड्राइवर सभी को उतार कर, बस गुफा के बाहर खड़ी कर देता है और वह उसी बस में, आराम करने लगता है |
महिला शिक्षक, सभी लड़कियों को लेकर, गुफा के अंदर प्रवेश कर जाती है | जैसे जैसे लड़कियाँ अंदर जा रही थी, सभी की घबराहट बढ़ती जा रही थी | गुफा के अंदर कई पक्षियों ने अपना ठिकाना बनाया हुआ था और इनके जाने से, पक्षी मंडराने लगते हैं | गुफा एक विशाल पहाड़ के बीचों-बीच बनायी गई थी, जो अपने आप में ही एक रहस्यमयी कारीगरी का नमूना थी | गुफा के अंदर एक छोटा सा दरवाज़ा था | आशा घूमते हुए, उसी दरवाज़े के अंदर अकेले ही घुस जाती है | आशा के अंदर जाते ही दरवाज़ा, अपने आप बंद हो जाता है | सभी लड़कियाँ अपने प्रोजेक्ट में लगी होती है और कुछ घंटे गुज़रने के बाद, दोपहर होते ही, महिला शिक्षक सभी को लंच करने के लिए बुलाती है, लेकिन आशा कहीं दिखाई नहीं दे रही थी, इसलिए महिला शिक्षक लड़कियों से कहती है, “जाओ देखो वह कहाँ है” | कुछ लड़कियाँ आशा को ढूंढते हुए, उसका नाम लेकर, आवाज़ लगाने लगती हैं | सभी जगह ढूंढने पर, जब उन्हें आशा दिखाई नहीं देती तो, वह घबरा जातीं हैं | लड़कियाँ भागते हुए महिला शिक्षक के पास जाकर बताती है कि, “आशा का कहीं कुछ पता नहीं चल रहा | हम लोगों ने सभी जगह देख लिया” | यह बात सुनते ही, महिला शिक्षक के चेहरे का रंग उड़ जाता है, क्योंकि ट्रिप में सभी लड़कियों की जवाबदारी, महिला शिक्षक की ही थी और यदि आशा को कुछ हो गया तो, उसकी ज़िम्मेदार महिला शिक्षक होंगी | वह हड़बड़ाहट में खाना छोड़कर आशा को ढूँढने में लग जाती हैं | आशा को ढूंढते ढूंढते शाम हो जाती है, लेकिन वह किसी को दिखाई नहीं देती | महिला शिक्षक आशा के गुमने की ख़बर, कॉलेज मैनेजमेंट को भेज देती है | कॉलेज की लड़की लापता होने से, कॉलेज मैनेजमेंट हिल जाता है और आनन फ़ानन में, पुलिस को सूचित किया जाता है | पुलिस की गाड़ी गुफा पहुँच जाती है और पुलिस टीम, महिला शिक्षक के साथ, गुफा के अंदर पहुँच कर, आशा को खोजने लगती है | तभी पुलिस ऑफ़िसर की नज़र, एक गुप्त दरवाज़े पर पड़ती है | वह महिला शिक्षक से पूछते हैं, “क्या आपने इस दरवाज़े के अंदर जाकर देखा है” ? वह चौंककर कहती है, “नहीं, हमें तो यह दरवाज़ा दिखाई नहीं दिया” | पुलिस ऑफ़िसर अपने टीम से दरवाज़े को खोलने के लिए कहते हैं और जब दरवाज़ा खोला जाता है तो, अंदर आशा बेहोश पड़ी होती है |
महिला शिक्षक, आशा के चेहरे में पानी डालती है और उसे उठाने का प्रयास करती है | कुछ मिनटों में, आशा धीरे से अपनी आंखें खोलती है और अपने शिक्षक से कहती है, “मैडम हम कहाँ है” | महिला शिक्षक आशा को सारी बात बताती है और उसे अपने साथ ले जाकर बस में बैठा लेती है | आशा के गुम हो जाने से, लड़कियों का कॉलेज ट्रिप फीका पड़ चुका था | क्लास की सभी लड़कियाँ, सोच रही थी कि, आख़िर आशा उस कमरे में बेहोश, क्यों हुई ? आशा से कई बार पूछने पर भी, उसे कुछ याद नहीं था और अगले ही दिन, गुफा से जुड़ी जानकारियों के आधार पर, कॉलेज में वैकल्पिक परीक्षा होनी थी और यह परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य था, लेकिन आशा तो गुफा के अंदर बेहोश हो चुकी थी | उसने गुफा के बारे में कोई भी जानकारी इकट्ठी नहीं की थी | परीक्षा की ख़बर से आशा चिंतित हो जाती है | वह अपने किसी भी परीक्षा में असफल नहीं होना चाहती थी | आशा रात को अपनी पढ़ाई कर रही थी, अचानक उसकी नोटबुक में, गुफा से जुड़ी हुई जानकारियां, अपने आप लिखने लगती हैं | बिना किसी के पेन चलाए ही, काग़ज़ पर सब कुछ लिखता जा रहा था | आशा यह देखकर घबरा जाती है और जब सारी जानकारी पूरी हो जाती है तो, आख़िरी में एक दिल के निशान के अंदर, आशा के लिए प्यार के इज़हार भरा संदेश दिखाई देने लगता है | आशा यह सब देखकर, अपने कमरे के बाहर भागती है और अपनी सहेलियों को बुलाकर, वह काग़ज़ दिखाती है, लेकिन उस काग़ज़ में आशा के अलावा, किसी और को कुछ दिखाई नहीं देता | उसकी सहेलियाँ, उसकी बात पर विश्वास नहीं करती | आशा को भूतिया एहसास होने लगा था | आशा के कमरे में भूत की दस्तक हो चुकी थी | भूत की लिखी गई जानकारी को आशा पढ़ लेती है और सुबह अपने परीक्षा में चली जाती है, लेकिन जैसे ही आशा को प्रश्नपत्र मिलता है, उसे विश्वास नहीं होता कि, वह सारे सवाल वही होते हैं, जो रात को उसकी कॉपी में, अपने आप को लिख गए थे | आशा परीक्षा में आए हुए सभी सवालों के जवाब बड़ी आसानी से हल कर देती है और परीक्षा समाप्त होते ही, अपने कमरे आ जाती है | आशा का दिमाग़ रात के उस संदेश पर ही टिका होता है, जो किसी प्रेमी का प्रेम पत्र लग रहा था | आशा अपने कमरे में अकेले बैठी, कुछ सोच रही होती है | उसी समय कमरे की दीवारों पर, बड़े बड़े अक्षरों में, “आयी लव यू आशा” लिख जाता है | आशा तुरंत बग़ल वाले कमरे से, छात्राओं को बुलाती हैं और उन्हें दीवार में लिखा संदेश देखने को कहती है, लेकिन इस बार भी वह संदेश केवल आशा को ही दिखाई दे रहा था | आशा अपने कमरे में परेशान बैठी रहती है | पीछे से कोई उसके बालों में हाथ फेरता है |
आशा तुरंत अपने कमरे में खड़ी हो जाती है | उसे कमरे में किसी के मौजूदगी का एहसास होने लगा था, लेकिन आशा इस बात से अनजान थी कि, भूत की प्रेम कहानी शुरू हो चुकी थी | भूत आशा को अलग अलग तरीक़े से, प्रपोज़ करने की कोशिश कर रहा था, लेकिन आशा भूत के प्यार भरे पैग़ाम को समझ नहीं पा रही थी | आशा के साथ छोटी मोटी घटनाएँ बढ़ने लगी, लेकिन किसी भी घटना से, आशा को कोई नुक़सान नहीं पहुँच रहा था, इसलिए वह इस बात से निश्चिंत थी, कि उसे कोई हानि पहुँच सकती है | आशा के माता पिता उसकी शादी करने के लिए लड़का देख रहे थे और उसी के चलते, एक बहुत ही अच्छे घर का रिश्ता, आशा के लिए आता है | आशा भी रिश्ते से ख़ुश होती है | आशा के माता पिता उसे, एक दिन के लिए गाँव आने को कहते हैं | आशा शहर के हॉस्टल में रहती थी और उसका गाँव 15 किलोमीटर दूर था | सुबह होते ही, आशा अपने गाँव पहुँच जाती है | दोपहर के वक़्त, वर पक्ष के लोग आने वाले थे, जिनके स्वागत के लिए, व्यंजनों की साज सजावट की जाती है और कुछ ही पलों के इंतज़ार के बाद, लड़के वालों की गाड़ी, आशा के घर के दरवाज़े के सामने आकर खड़ी हो जाती है | लड़का बहुत ही सुंदर दिखाई दे रहा था | आशा उसे देखते ही मोहित हो जाती है और मन में ही उसे अपना पति स्वीकार कर लेती है | आशा शादी के लिए, अपना मन बना चुकी थी | अब इंतज़ार था, तो सिर्फ़, लड़के की हाँ का | आशा बहुत ही सरल स्वभाव की लड़की थी, इसलिए वह लड़के को, पहली नज़र में ही पसंद आ जाती है और लडका, आशा से शादी के लिए हाँ कह देता है | लड़के वालों की तरफ़ से हाँ होते ही, आशा के घर में खुशियां की लहर दौड़ पड़ती है | दो माह बाद दोनों की शादी का मुहूर्त निकाला जाता है | शगुन के तौर पर, लड़के वाले, आशा की ओली में, कुछ पैसे और उपहार डालते हैं | आशा, इस रिश्ते से बहुत ख़ुश होती है, लेकिन आशा की खुशियाँ कुछ ही क्षणों की मेहमान थी | एक फ़ोन कॉल से, आशा की दुनिया उजड़ जाती है | जैसे ही उसे पता चलता है कि, जिस लड़के से रिश्ता तय हुआ था, कुछ ही दूर जाने के बाद, उसकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है और उस लड़के की मौत हो चुकी है |
शादी होने के पहले ही, आशा का दुल्हा, उससे छिन गया था, क्योंकि एक ऐसी अदृश्य शैतानी ताक़त है जो, नहीं चाहती की, आशा किसी और के रिश्ते में बंधे | आशा के ऊपर भूत की दहशत के बादल मंडराने लगते हैं | आशा को हल्की सी सनसनाहट के साथ, कुछ अजीब आवाज़ें सुनाई दे रही थी, जिसमें उसे दोबारा, उसी गुफा में आने को कहा जाता है, जहाँ से आशा के पीछे, वह भूत पड़ा था | आशा पूरी तरह सम्मोहित होकर, उसी गुफा की तरफ़ अकेले जाने का फ़ैसला करती है | आशा अपने घर से, कॉलेज के नाम पर, निकल जाती है, लेकिन वह सीधे गुफा की तरफ़, जा रही बस में बैठ जाती है और १ घंटे के सफ़र के बाद, वह गुफा के सामने पहुँच जाती है | गुफा के अंदर प्रवेश करते ही, आशा को सामने एक भूतिया प्रतिबिंब नज़र आता है जो, आशा की तरफ़, गुलाब का फूल लेकर बढ़ रहा था | आशा अपनी जगह में, मोम के पुतले की तरह खड़ी हो जाती है | आशा अपनी मानसिक चेतना खो चुकी थी और उसी समय, वह भूत आशा के सामने आकर, अदृश्य हो जाता है और आशा ज़ोर ज़ोर से हँसने लगती है और थोड़ी ही देर में, उसकी आंखें बंद हो जाती हैं और जैसे ही वह आंख खोलती है | वह एक अलग ही दुनिया में पहुँच जाती है | आशा एक भूत की बाहों में बाहें डाल कर, ख़ूबसूरत मौसम का लुप्त उठा रही थी | आशा को ऐसा लग रहा था कि, जैसे उसे स्वर्ग मिल गया हो | आशा इस माहौल को कभी ख़त्म नहीं होने देना चाहती थी और देखते ही देखते, आशा को इसी माहौल में रहने की आदत हो जाती है और वह हमेशा हमेशा के लिए, अपनी ही दुनिया में, भूत कि प्रेम कहानी का सार बन जाती है | आशा को इस माहौल में रहते हुए, कई साल गुज़र चुके होते हैं | दरअसल उस दिन के बाद से, आशा अपना मानसिक संतुलन खो चुकी थी | कई जगह उसका इलाज करवाने के बाद, जब उसकी दिमाग़ी हालत में सुधार नहीं हुआ तो, उसके परिवार वालों ने उसे पागलखाने में भर्ती कर दिया था, लेकिन वह आज भी अपने प्रेमी भूत के साथ, प्यार के समुंदर में गोते लगा रही है | आशा के इसी भूतिया रहस्य के साथ यह कहानी समाप्त हो जाती है |