मौत का खेल (maut ka khel)- रोचक लघु कहानी short horror stories to read online in hindi:
दहशत के पिटारे से, एक डरावनी कहानी, जिसे मौत का खेल (maut ka khel) कहना ही, सही होगा| एक ऐसा भूतिया खेल, जिसमें कई लोगों ने मौत को गले लगा लिया| एक शहर के कोने में, एक भूतिया घर था| उसकी दहशत की ख़बर से सभी शहरवासी परिचित थे| उस घर के आस पास कई एकड़ ज़मीनों तक, कोई घर नहीं बना था| दरअसल उस घर के आस पास कोई रहना ही नहीं चाहता था| एक बार एक टेलिविज़न सीरियल डायरेक्टर, उसी भूतिया घर में, एक लाइव रिकॉर्डिंग सीरियल, शूट करने का मन बनाता है, जिसका नाम वह मौत का खेल रखता है| इस खेल में, चुने हुए प्रतिभागियों को, भूतिया घर के अंदर, पूरी रात गुज़ारनी होगी और इस दौरान, हर कमरे में कैमरे लगे होंगे, जो इनके डर भरे पलों को रिकॉर्ड करेंगे और अंत में जो प्रतिभागी, बिना डरे पूरी रात गुज़ार लेगा, उसे एक करोड़ की इनामी राशि दी जाएगी| सीरियल डायरेक्टर, मौत का खेल की घोषणा सारे शहर में कर देते हैं, लेकिन उन्हें प्रशासन का, एक नोटिस आता है कि, आपको उस घर में शूटिंग करने की इजाज़त नहीं मिल सकती| वह घर ख़तरे के दायरे में आता है| सीरियल डायरेक्टर बहुत नामी हस्ती था, इसलिए वह निजी तौर पर, प्रतिभागियों की ज़िंदगी की सुरक्षा की गारंटी ले लेता है और कुछ शर्तों को लागू करने के बाद, प्रशासन से उस भूतिया घर में सीरियल रिकॉर्ड करने की मंज़ूरी मिल जाती है, जिसके लिए उसे दो गुने पैसे ख़र्च करने पड़ते हैं| प्रशासन की परमिशन मिलते ही पूरे शहर में, मौत का खेल के पोस्टर चिपक जाते हैं|
मौत का खेल शहर में होने वाला था, लेकिन लोगों में उत्साह से ज़्यादा, दहशत भरी हुई थी| पूरे शहर को यक़ीन था कि, इस प्रोग्राम में हिस्सा लेने वाले लोग, ज़िंदा नहीं बचेंगे, लेकिन ये दुनिया तरह तरह की इंसानों से भरी है| उस प्रोग्राम में इनाम की लालच में, कुछ लोग हिस्सा लेने पहुँचते हैं| सभी प्रतिभागियों को, उनके नम्बर दिए जाते हैं और साथ ही, उनके हाथ में, एक इलेक्ट्रिक ब्रेसलेट बाँधा जाता है| यदि उन्हें डर लगे तो, वह उसमें लगी बटनों को दबाकर, इस प्रोग्राम से बाहर आ सकते हैं| प्रतिभागियों में 12 लड़के और तीन लड़कियाँ होती हैं| दिन के समय ही, बिल्डिंग के कमरों में, कैमरे लगा दिए गए थे, क्योंकि रात को भूतिया आत्माएँ, उस बिल्डिंग के कमरों में दहशत का तांडव मचाती है और रात के समय, अंदर जाने की हिम्मत, बहुत कम लोग ही जुटा पाए थे| एक एक करके सभी प्रतिभागी, अंदर चले जाते हैं| सभी अपने नंबर के हिसाब से, अपने कमरे को चुनते हैं और अंदर जाते ही सभी को अंदर से ताला लगाकर, चाभी बाहर फेंकनी होती है| दरवाज़े का ताला इलेक्ट्रॉनिक बनाया गया था|
उनके हाथ में लगे ब्रेसलेट के बटन दबाते ही, वह ताला खुल सकता था, लेकिन यह बात उन्हें बतायी नहीं गई थी| अगर किसी प्रतिभागी ने, वह ताला खोला तो, प्रतिभागी प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगा, जो कि कैमरे की रिकॉर्डिग में दिखाई देगा| सभी के कमरे में निर्देश देने के लिए स्पीकर लगाए गए थे| उसी से सभी को संकेत दिया जाता है कि, सभी जल्द से जल्द अपने कमरे का ताला बंद करके, चाबी दरवाज़े के नीचे से बाहर फेंके और इसके बाद, कमरे की लाइट बंद की जाएगी| निर्देशों के अनुसार सभी, अपने कमरे को अंदर से बंद कर देते हैं और चाबियाँ दरवाज़े के नीचे से फेंक देते हैं| कैमरे नाइट मोड रिकॉर्डिंग के अनुरूप लगाए गए थे, इसलिए भले ही प्रतिभागियों के कमरे में अंधेरा हो, लेकिन दर्शकों को टेलीविजन स्क्रीन में, सब कुछ नज़र आ रहा होता है| धीरे धीरे डर की दस्तक हो जाती है| प्रतिभागियों में से, एक लड़की अचानक, अपने कमरे में चीखने लगती है| उसे ऐसा लगता है कि, कोई उसका गला दबा रहा है और वह छटपटाने लगती है| कुछ ही देर में वह, डर से बेहोश हो जाती है| उसके बेहोश होते ही, लाइव सीरियल देख रहे दर्शक घबरा जाते हैं| अचानक एक एक करके सभी प्रतिभागियों पर, भूतिया हमले होने लगते हैं, लेकिन ताज्जुब की बात तो यह थी, कि सभी प्रतिभागी अपने आपको, स्वयं ही नुक़सान पहुँचा रहे थे| कैमरे की रिकॉर्डिग में, साफ़ साफ़ नज़र आ रहा था| कोई अपने चेहरे पर खरोंच रहा था तो, कोई अपना गला दबा रहा था और तो और, कई तो अपना सर, भी दीवार से मारकर घायल कर रहे थे| दर्शकों का डर बढ़ते देख, बिल्डिंग के नज़दीक, सरकारी अधिकारी पहुँच जाते हैं क्योंकि, प्रोग्राम को प्रशासन की शर्तों के अनुरूप रिकॉर्ड करने की परमिशन दी गई थी, जिनमें से एक शर्त यह भी है कि, यदि किसी प्रतिभागी को शूटिंग के दौरान, मेडिकल की ज़रूरत पड़ेगी तो, तुरंत डॉक्टर उपलब्ध करवाया जाएगा और जब सभी प्रतिभागियों को, लाइव रिकॉर्डिंग में चोट लगने लगती है तो, सभी प्रोग्राम को रोकने की आवाज़ उठाने लगते हैं| रातोरात प्रशासन पर दबाव बढ़ जाता है| दर्शकों में दहशत फैलते देख, प्रोग्राम का प्रसारण रोकने के आदेश आ जाते हैं| तुरंत प्रोग्राम का टेलिकास्ट रुक जाता है और अब जद्दोजहद होने लगती है, सभी प्रतिभागियों को बचाने की| फ़ायर ब्रिगेड की गाड़ी बिल्डिंग के बाहर पहुँचती है, लेकिन रात के समय, उस भूतिया बिल्डिंग के अंदर जाने की हिम्मत, फ़ायर फाइटर्स की भी नहीं होती|
सभी बाहर से खड़े होकर, प्रतिभागियों की मौत का तमाशा देख रहे थे क्योंकि, सभी उस बिल्डिंग के खूनी इतिहास से, अच्छी तरह वाक़िफ़ थे| कमरे में लगे हुए स्पीकर की मदद से, सीरियल का डायरेक्टर, प्रतिभागियों को ब्रेसलेट का बटन दबाकर बाहर आने का निर्देश देता हैं, लेकिन किसी प्रतिभागी को, स्पीकर से कोई आवाज़ सुनाई नहीं देती और न ही प्रतिभागी, इतने कंट्रोल में थे कि, वह ब्रेसलेट की बटन दबा सकें| देखते ही देखते, सभी प्रतिभागी लाइव रिकॉर्डिंग में ही, आत्महत्या कर लेते हैं, लेकिन सब जानते थे कि, यह भूतों के द्वारा, किया गया नरसंहार है| सुबह होते ही, सबकी लाशें निकाली जाती है और सीरियल डायरेक्टर को भारी मुआवज़े के साथ, कई साल की जेल की सज़ा सुनायी जाती है और उस बिल्डिंग को, हमेशा के लिए “नो विज़िट ज़ोन” घोषित कर दिया जाता है और इसी के साथ यह कहानी समाप्त हो जाती है|
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