फाइल नंबर 178 (Case number 176)- (Ghost hindi kahaniya) नई कहानियां हिंदी में:
ये कहानी जुर्म की दुनिया की वह काली परछाई है, जिसके असर ने सबकी नींद उड़ा दी थी | एक शहर में एक पुलिस थाना था | थाने में अक्सर स्थानीय लोग समस्या लेकर आते रहते थे और उनका समाधान आसानी से हो जाया करता था, क्योंकि शहर की आबादी बहुत कम थी और यहाँ के लोग भी शांति के साथ जीवन जीना पसंद करते थे | सब कुछ बेहतर चल रहा था | तभी थाने में एक लेडी ऑफ़िसर की नियुक्ति होती है | उसका नाम रीटा था | इंस्पेक्टर रीटा बहुत ईमानदार और बहादुर है | वह आते ही पुलिस थाने का मुआयना करती है और हवलदार से थाने की साफ़ सफ़ाई करवाने को कहती है | हवलदार भी आदेशानुसार सफ़ाई कर्मचारी को बुलाकर पूरे थाने की सफ़ाई करवाते हैं | तभी रीटा थाने के स्टोर रुम मैं चली जाती है | वह वहाँ कुछ पुराने केसों की फ़ाइल देख रही होती है तभी अचानक ऊपर से फाइल नंबर 178 ((Case number 176)) ज़मीन पर गिरती है और रीटा की नज़र उस फ़ाइल पर पड़ती है | जैसे ही रीटा उस फ़ाइल को उठाकर खोलती है | उसके चेहरे का रंग बदल जाता है, क्योंकि फ़ाइल में जो फ़ोटो होती है | वह उसकी बचपन की सहेली रिया की फ़ोटो थी, जो कि छोटी सी उम्र में ही लापता हो चुकी थी | लेकिन यहाँ उसकी फ़ाइल का होना एक रूहानी इशारा था | जिससे रीटा की ज़िंदगी में उलझने बढ़ने वाली थी | रीटा इन सब बातों से अनजान अपनी रिया के घर के घर फ़ोन लगाती है और उसके बारे में उसके माता पिता को बताते हुए कहती है, कि “आपकी बच्ची इस दुनिया में नहीं रही | यह बात आज सच साबित हो गई है, क्योंकि उससे संबंधित फ़ाइल मेरे हाथ लगी है और इसमें आपकी बच्ची की हत्या की पुष्टि की गई है | लेकिन उसके हत्यारे का कुछ पता नहीं चला और फ़ाइल ऐसे ही बंद कर दी गई थी | लेकिन माँ जी आप चिंता मत करिए | मैं अब इस केस की तह तक जाऊंगी और अपनी सहेली के हत्यारे का पता लगाऊँगी और मैं वादा करती हूँ | वो जो कोई भी है, उसे सख़्त से सख़्त सजा मिलेगी | जिसने भी मेरी सहेली के साथ ऐसा किया था” | रीटा इतना कह कर के फ़ोन रख देती है और थाने के सभी सिपाहियों को बुलाती है और अपनी सहेली के केस की फ़ाइल दिखाकर, सभी से उसके बारे में जानना चाहती है |
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लेकिन यह फ़ाइल बहुत पुरानी थी और वहाँ तैनात सभी पुलिसकर्मी हाल ही के समय में ट्रांसफर हुए थे | जिस वजह से उन्हें भी इस केस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी | रीटा बहुत सोचती है और फ़ैसला करती है, कि मुझे उसी जगह पर जाना चाहिए, जहाँ आख़िरी वक़्त रिया की लाश मिली थी और वह पुलिस जीप मैं एक सिपाही के साथ १३ किलोमीटर दूर उस स्थान पर पहुँच जाती है | जिसके बारे मैं फ़ाइल में ज़िक्र किया गया था | यहाँ पहुँचने से पता चलता है, कि यह तो अस्पताल है | जो बहुत साल पहले आग लगने से बर्बाद हो गया और उसके बाद इस अस्पताल के मालिक ने इसे ऐसे ही छोड़ दिया और विदेश चला गया | मामले की गुत्थी सुलझने की बजाय उलझती जा रही थी | इंस्पेक्टर रीटा ने अपना मन बना लिया था, कि कुछ भी हो जाए, लेकिन वह अपनी रिया के हत्यारे का पता लगा के ही रहेगी | वह अस्पताल के बारे में सारी जानकारियां इकट्ठा करना चाहती है और वह जिला कलेक्टर कार्यालय पहुँचती है | वहाँ से उसे जानकारी मिलती है, कि बहुत साल पहले अस्पताल में जो आग लगी थी | वहाँ कई नर्स झुलसकर मर गई थी | लेकिन रिया का कोई भी रिकॉर्ड उस अस्पताल के स्टाफ़ रजिस्टर में मौजूद नहीं था और बातों बातों में रीटा को उसके स्कूल से संबंधित एक सूचना मिलती है इंस्पेक्टर रीटा को अपनी सहेली के स्कूल जाने से यह पता चला कि वह साइंस की स्टूडेंट थी और वह अपने विषय के प्रोजेक्ट के सिलसिले में अस्पताल गई थी, क्योंकि वहाँ एक नर्स उसकी सहेली की बड़ी बहन थी | जिसने रिया को उसके प्रोजेक्ट के सिलसिले में बुलाया था | अब इंस्पेक्टर रीटा को एहसास हो गया था, कि होना हो रिया के हत्या से इस अस्पताल का ज़रूर कोई न कोई कनेक्शन है | इंस्पेक्टर रीटा ने स्पेशल परमीशन के तहत अस्पताल के मालिक से मिलने का फ़ैसला किया, ताकि आगे की जानकारी जुटायी जा सके और वह विदेश चली गई |
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वहाँ जाकर पता चला, कि वह व्यक्ति बहुत क़ामयाब हो चुका था और उससे मिलना इतना आसान नहीं था | लेकिन रीटा के हौसले बुलंद थे उसने ठान लिया था, कि वह उससे मिलकर ही रहेगी और रीटा उस अस्पताल के मालिक का मोबाइल नंबर हासिल कर लेती है और उसे एक धमकी भरा मैसेज, रिया की हत्या को लेकर भेज देती है | दरअसल यह अंधेरे में तीर लगाने जैसा था और तीर जाके सही निशाने पर लग जाता है, क्योंकि अब वह इंस्पेक्टर रीटा से मिलने को तैयार हो जाता है और जैसे ही दोनों की मुलाक़ात होती है, तो इंस्पेक्टर रीटा को उसके चेहरे के हाव भाव देख कर पता चल जाता है कि रिया की हत्या मैं ज़रूर इसका कोई हाथ है | वह इंस्पेक्टर रीटा को रिश्वत का ऑफ़र देता हैं और कहता है | आप इस केस से हट जाइए | लेकिन रीटा मजबूर है | वह उसे गिरफ़्तार नहीं कर सकती, क्योंकि उसके खिलाफ़ रीटा के पास कोई सबूत नहीं है और वह ग़ुस्से से विदेश से वापस आ जाती है | तभी रीटा के मोबाइल में अचानक एक फ़ोन आता है और उसे अस्पताल के सीक्रेट्स चेंबर का पता चलता है और वह दोबारा सह पुलिसकर्मियों को लेकर उसी अस्पताल पहुँचती है और तहख़ाने में बने हुए चैम्बर का दरवाज़ा खुलवाती है | वहाँ रखी हुई चीज़ें अभी भी सुरक्षित होती है, क्योंकि आग का प्रभाव वहाँ तक नहीं पहुँच पाया था | सारे कमरे की तलाशी लेने के बाद रीटा को एक वीडियो कैमरा और एक पेन ड्राइव मिलती है और जब उसकी रिकॉर्डिंग देखा जाती है, तो पता चलता है, कि इस अस्पताल का मालिक महिला मरीज़ों की आपत्तिजनक वीडियो बनाता था और उन्हें इंटरनेशनल बाज़ार में बेचता था और इस काम में अस्पताल के भी कुछ स्टॉप उसका साथ देते थे | लेकिन आख़िरी दिन की क्लिप में उसकी सहेली रिया का भी वीडियो शामिल होता है | जिसमें वह सीक्रेट चेंबर में आकर अपने कपड़े बदल रही थी और उसने उस वीडियो कैमरे को देख लिया था और उसका विरोध करने पर उसे इसी चेंबर से बाहर निकालकर दूसरे कमरे में बंद कर दिया गया और मालिक ने अपनी पोल खुलने के डर से अस्पताल में आग लगवा दी और जिन लोगों को रिया ने यह मामला बताया था | सभी को एक साथ एक ही कमरे में आग में जिंदा जला दिया गया |
![फाइल नंबर 178 (Case number 176)- (Ghost hindi kahaniya) नई कहानियां हिंदी में: bhutiya police story: फाइल नंबर 178 (Case number 176)- (Ghost hindi kahaniya) नई कहानियां हिंदी में: bhutiya police story](http://bhootkikahani.com/wp-content/uploads/2024/04/file-number-178-2.jpg)
ये सारी सच्चाई जानने के बाद रीटा की आँखों में आँसू आ जाते हैं और वह अपनी सहेली की बेबसी को लेकर दुखी हो जाती है | लेकिन बदले की भावना और अपनी सहेली को इंसाफ़ दिलाने के लिये वह अपनी जान लगा देती है | उसे अब तक यह पता चल गया था, कि उच्च अधिकारियों के समर्थन के बिना यह कार्य संभव नहीं हो सकता था | इसलिए उसे संदेह था, कि अगर मैं इस फ़ाइल को ऊपर भेजूंगी, तो इस केस को भी दबा दिया जाएगा | इंस्पेक्टर रीटा ने दिमाग़ लगाते हुए सारी फ़ाइल मीडिया में वायरल कर दी और देखते ही देखते बात आग की तरह फैल गई और हादसे से जुड़े लोगों के पुराने ज़ख़्म फिर से ताज़ा हो चुके थे| यह उस समय का बहुत बड़ा हादसा था | इस वजह से अपराधी को पकड़ने के लिए माँग तेज हो जाती है और कुछ दिनों की कड़ी कार्रवाही के बाद अस्पताल के मालिक को विदेश में ही गिरफ़्तार कर लिया जाता है और उससे जुड़े सारे व्यापारों पर पाबंदी लगा दी जाती है और एक दिन रीटा थाने में बैठकर अपनी सहेली को इंसाफ़ मिलने पर ख़ुश हो रही होती है, तभी उसके सामने पड़े काग़ज़ पर अपने आप एक पेन चलने लगता है और पेपर पर लिख जाता है थैंक यू माई फ्रेंड रीटा और कहानी ख़त्म हो जाती है |