भूत का डान्स (bhutia dance)- भूतों की मजेदार कहानियां

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भूत का डान्स (bhutia dance)- (सबसे अच्छी कहानी) भूतों की मजेदार कहानियां:

डान्स करना एक कला है और निरंतर प्रयास से, इस कला को निखारा जा सकता है| दुनिया में कई बड़ी बड़ी हस्तियों ने डान्स के माध्यम से इतिहास रचा है, लेकिन उन्हीं के बीच कुछ ऐसे सितारे भी हैं, जो हादसों का शिकार हो जाते हैं| फिर काम आती है, एक अदृश्य शक्ति जो, उनके दिल की आवाज़ सुनकर, उन्हें क़ामयाब करती है| ऐसी ही दशहत से भरी कहानी है भूत का डान्स सोनू नाम का एक लड़का था| उसे डान्स का बहुत शौक़ था| वह दिन भर फ़िल्मी गानों में नाचता रहता था| सोनू एक बहुत क़ामयाब डांसर बनना चाहता था, लेकिन उसके घर के हालात उसे अपने सपनों को पूरा करने से रोक रहे थे| सोनू सिर्फ़ 13 साल का था, लेकिन वह अपने सपनों के पीछे इतना पागल था कि, रोड पर चलते हुए भी डान्स करने लगता था| सोनू के निरंतर प्रयास से, उसकी डान्स की कला निखर चुकी थी और वह, अपनी उम्र के बच्चों के मुक़ाबले, बेहतरीन डान्स करना सीख चुका था| एक बार सोनू के स्कूल में, डान्स की प्रतियोगिता होती है, जिसमें सभी बच्चे भाग लेते हैं| सोनू भी डान्स प्रतियोगिता के लिए, काफ़ी उत्साहित होता है| सोनू को पूरा यक़ीन होता है कि, वह इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करेगा| प्रतियोगिता प्रारम्भ होती है और सभी प्रतिभागी बच्चे, एक एक करके अपने डान्स का प्रदर्शन करते हैं| तभी बारी आती है सोनू के डान्स की और वह मंच पर आते ही, ज़बरदस्त डान्स करता है| लोग तालियां बजा रहे होते हैं कि, अचानक सोनू हवा में उछल कर, एक डान्स स्टेप करता है, लेकिन गलती से वह, डान्स फ़्लोर में अपनी गर्दन के बल गिरता है और उसकी गर्दन से, रीढ़ तक की हड्डी, टूट जाती है| आनन फ़ानन में उसे अस्पताल पहुंचाया जाता है|

भूत का डान्स (bhutia dance)- (सबसे अच्छी कहानी) भूतों की मजेदार कहानियां: majedar bhutia kahani
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हादसे से सोनू बेहोश हो चुका था| डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद बताया कि, इसकी पूरी हड्डी डैमेज हो गई है| फ़िलहाल इसमें एक प्लेट डाली गई है, लेकिन यह बच्चा अब ठीक से चल फिर नहीं सकेगा| सोनू को जब होश आता है तो सपने टूटे और उसकी आँखों में आँसू होते हैं| सोनू की माँ उसे हिम्मत दे रही होती है| कुछ दिनों तक हॉस्पिटल में भर्ती रहने के बाद सोनू बैसाखी के सहारे चलने फिरने लायक होता है| उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है| सोनू घर में अकेले बैठा रहता और अपने मन में ही अपने डान्स के स्टेप सोचता रहता| कई दिनों से सोनू मायूस था| घर में बैठे बैठे उसके मन में विचार आता है कि, अपाहिज रहने से अच्छा मैं, इस दुनिया को ही छोड़ दूँ क्योंकि, अब मैं डान्स के लायक तो बचा नही| उसे तैरना नहीं आता था, इसलिए उसने नदी में कूद कर जान देना तय किया| सोनू अपनी माँ से बाहर जाने को कहता है लेकिन, अब वह चलने फिरने लायक नहीं है इसलिए, उसकी माँ उसे बाहर जाने से मना करती है, लेकिन काफ़ी दिनों बाद आज उसने बाहर घूमने का मन बनाया है इसलिए अपने बेटे की जिद पर उसे बाहर जाने की इजाज़त दे देती है| सोनू बस में बैठकर, अपने घर से पाँच किलोमीटर दूर, एक पहाड़ के पास नदी के किनारे आ जाता है| दरअसल सोनू पहले भी यहाँ, अपने दोस्त के साथ, एक बार आया था| वह नदी के किनारे बने पहाड़ पर, धीरे धीरे चढ़ने लगता है ताकि, वहाँ से कूद कर आत्महत्या कर सकें| वह पहाड़ के उस जगह पर पहुँच जाता है, जहाँ से कूदने के बाद, किसी का बचना असंभव है|

भूत का डान्स (bhutia dance)- (सबसे अच्छी कहानी) भूतों की मजेदार कहानियां: majedar ghost kahani
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नदी की तेज धारा बह रही होती है और उसी धारा के बीच में, सोनू छलांग लगा देता है और, एक और मासूम, अपने सपनों के बोझ के तले, दबकर मर जाता है| सोनू की लाश बहते हुए, एक बड़े से झरने के नीचे जा गिरती है और एक चट्टान के नीचे फँस जाती है| कई घंटों तक सोनू वहीं फँसा रहता है, लेकिन जैसे ही शरीर को मछलियाँ खाने लगती हैं, अचानक उसे होश आ जाता है और वह विशालकाय पत्थर हट जाता है| पत्थर हटते ही सोनू आसानी से, तैर कर पानी के बाहर निकल आता है, जबकि वह तैरना नहीं जानता था| सोनू जंगल के रास्ते, अपने घर के लिए निकलता है| सोनू को रास्ते में कई, कंकाल लटके हुए दिखाई देते हैं| ऐसा लग रहा था कि, यह काले जादू से भरा हुआ इलाक़ा है| कोने कोने से आत्माओं की आहट महसूस हो रही थी, लेकिन सोनू अब निडर हो चुका था| इन सब बातों से कोई फ़र्क नहीं पड़ता| अब उसे चलने के लिए बैसाखी की ज़रूरत नहीं थी| सोनू के अंदर, एक रूहानी ताक़त ने क़ब्ज़ा कर लिया था| सोनू कुछ ही समय के अंदर, उस इलाक़े को छोड़कर अपने घर पहुँच जाता है जैसे, ही सोनू की माँ दरवाज़ा खोलती है| वह दंग रह जाती है| सोनू अपने पैरों से चलते हुए आया वो भी, बिना बैसाखी के सहारे| सोनू की माँ उससे पूछती है, “बेटा तुम ठीक कैसे हो गए” लेकिन सोनू के स्वभाव में परिवर्तन आ चुका था| वह जाते ही, अपनी माँ से खाना माँगता है| माँ को अपने बेटे के ठीक होने की ख़ुशी थी, इसलिए वह जानना चाहती थी कि किस डॉक्टर ने उसके बेटे का इतना अच्छा इलाज किया है| दरअसल उसे नहीं पता कि, उसका बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा और ये जो आया है, यह कोई भूत है जो, उसके शरीर में अपना क़ब्ज़ा जमा चुका था सोनू अपनी माँ से ऊँची आवाज़ में फिर से खाना माँगता है| माँ घबरा जाती है क्योंकि, सोनू ने आज तक, अपनी माँ से इस तरीक़े से बात नहीं की थी| वह तुरंत किचन में पहुँच जाती है और अपने बेटे के लिए खाना ले आती है| सोनू कुछ ही मिनट के अंदर, वह खाना खा लेता है और फिर से खाना माँगता है| उसकी माँ को ताज्जुब होता है क्योंकि, वह पहले ही बहुत खा चुका था, लेकिन उसकी माँ दोबारा उसके लिए खाना ले आती है| सोनू जानवरों की तरह खाना खा रहा होता है| खाने के बाद वह अपने कमरे में सोने चला जाता है| सोनू के बदले हुए रूप को देखकर, उसकी माँ चिंतित होती हो लेकिन, उसे लगता है कि शायद उसका बेटा परेशान है इसलिए, चिड़चिड़ा हो गया है और वह उसे नज़रअंदाज़ करके, घर का सामान ख़रीदने के लिए बाज़ार चली जाती है, लेकिन सोनू अपने कमरे से बाहर आकर TV देखने लगता है|

भूत का डान्स (bhutia dance)- (सबसे अच्छी कहानी) भूतों की मजेदार कहानियां: majedar horror kahani
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TV में अचानक उसे एक डान्स कॉम्पिटिशन की ख़बर मिलती है| ख़बर देखते ही वह डान्स कॉम्पिटिशन के लिए हिस्सा लेने का मन बना लेता है और अपने घर का दरवाज़ा बंद करके, अपने स्कूल पहुँच जाता है क्योंकि, डान्स कंप्टीशन में हिस्सा लेने के लिए स्कूली छात्र का होना अनिवार्य था और स्कूल के माध्यम से ही, इस प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जा सकता था| शहर के सभी स्कूलों के बच्चे इस प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे थे| सोनू भी अपने टीचर के पास जाकर डान्स कॉम्पिटिशन का फ़ॉर्म भर देता है| प्रतियोगिता की ख़बर के पोस्टर, पूरे शहर में छपे हुए थे| इनाम की राशि बहुत बड़ी थी, इसलिए शहर में डान्स देखने के लिए ख़ासा उत्साह था| प्रोग्राम के दिन दर्शकों की भीड़ के बीच सारे प्रतिभागी बच्चे पहुँचते हैं और सभी का डान्स कॉम्पिटिशन शुरू हो जाता है| सभी प्रतिभागियों के बाद आख़िरी नंबर आता है सोनू का और सोनू के डान्स करते ही, दर्शकों की आंखें खुली की खुली रह जाते हैं क्योंकि, सोनू अपने शरीर के सारे अंगों को, किसी भी दिशा में, आसानी से मोड़ पा रहा था| ऐसा लग रहा था, मानो वह रबड़ का पुतला हो| देखते ही देखते वह भूतिया अंदाज़ में डान्स करने लगता है| अपनी आंखें लाल करके, ज़िंदा मुर्दों की तरह, डान्स करके सबको सम्मोहित कर लेता है| भूत का डान्स अपने आप में अद्भुत था| चारों तरफ़ से दर्शक तालियां बजा रहे थे और सोनू रुकने का नाम नहीं ले रहा था| उसके डान्स ख़त्म होने से पहले ही, उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है क्योंकि, ऐसा डान्स आज तक किसी ने नहीं देखा था| सोनू के लिए सारे दर्शक तालियां बजाने लगते हैं और अचानक सोनू बेहोश होकर फ़र्श पर गिर जाता है| डान्स कॉम्पिटिशन के दौरान, आए हुए डॉक्टर सोनू को उठाकर उसे उपचार देते हैं और थोड़ी ही देर में सोनू की आंखें खुल जाती है लेकिन सोनू फिर से लंगड़ाने लगता है| दरअसल रूहानी ताक़त ने सोनू का साथ छोड़ दिया था, लेकिन उसकी साँसें उसे वापस लौटा दी| सोनू ने अपना सपना पूरा कर लिया था और वह डांस विजेता बन चुका था|

भूत का डान्स (bhutia dance)- (सबसे अच्छी कहानी) भूतों की मजेदार कहानियां: majedar darawani kahani
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इतनी बड़ी इनामी राशि मिलने से सोनू की मां को बहुत खुशी होती है और वह अपने बेटे पर बहुत गर्व महसूस करती है| लोगों को लग रहा था कि, डान्स की वजह से वह दोबारा अपाहिज हुआ और इसी भूतिया रहस्य के साथ यह कहानी ख़त्म हो जाती है|

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