भूतिया चिड़ियाघर | bhutiya chidiyaghar | ghost ki kahani

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भूतों का कोई वास्तविक आकार नहीं होता | वह किसी भी शरीर में जाकर, उसी के अनुरूप बदल जाते हैं | इसी से प्रेरित होकर यह घोस्ट की कहानी ( ghost ki kahani ) लिखी गई है | भूतिया कहानी ( ghost ki kahani ) पढ़ने में रोमांचक होती है और ऐसी ही रोमांचक कहानी हैं, भूतिया चिड़ियाघर ( bhutiya chidiyaghar ) | शहरों में लोगों की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है, इसके लिए रिहायशी इलाक़े भी बढ़ते जा रहे हैं और रिहायशी कॉलोनियों को बनाने के लिए जंगल कट रहे हैं, लेकिन जंगल में रहने वाले जीव जन्तु, रिहायशी विकास से सबसे ज़्यादा प्रभावित हो रहे हैं | ऐसे ही सरकारी आदेश के अनुसार, एक जंगल काटा जा रहा था | उस जंगल में बहुत से जंगली जानवर थे, जिनको संरक्षित करने के लिए एक चिड़िया घर बनाने पर विचार चल रहा था | ठीक तभी प्रशासनिक निर्णय से एक बहुत पुराने खंडहर को, चिड़ियाघर में बदल दिया जाता है और कटे हुए जंगलों से, जितने भी जानवर पकड़े गए हैं, उन्हें इसी चिड़ियाघर में लाकर रख दिया जाता है | लेकिन सभी इस बात से अनजान थे कि, यह खण्डार कोई साधारण भवन नहीं है, बल्कि भूतों का एक रहस्यमयी ठिकाना है | आज भी कई भूत खंडहर के कोने कोने में उपस्थित हैं और प्रशासनिक अधिकारियों को, भूतों की दहशत का नमूना, जल्द ही दिखाई देने वाला था, क्योंकि जितने भी जानवरों को खंडहर में लाया गया था | सभी के बर्ताव डरावने हो चुके थे | उनके पिंजड़े के क़रीब जाते ही, वह ज़ोर ज़ोर से आवाज़ निकालने लगते | मामला जानवरों से जुड़ा था, इसलिए पशुचिकित्सक को चिड़िया घर बुलाया जाता है, लेकिन पशु चिकित्सक को भी कुछ ख़ास जानकारी नहीं मिलती | सभी जानवरों के खून की जाँच करने के बाद भी, उनके शरीर में किसी तरह का कोई इन्फेक्शन नहीं पाया जाता |

ghost ki kahani
Image by Michal Jarmoluk from Pixabay

दरअसल जानवरों के अंदर भूत होना कल्पना से परे था, इसलिए पशुचिकित्सक अपने विज्ञान के माध्यम से इलाज करने का प्रयास कर रहे थे | बहुत जल्द चिड़ियाघर दर्शकों के लिए खोला जाना था, लेकिन जानवरों का ऐसा हाल देखकर, आम जनता के लिए चिड़ियाघर खोलने के फ़ैसले पर रोक लगा दी जाती है | शासन की मुश्किलें बढ़ती जा रही थी और जानवरों की हालत, बद से बदतर होती जा रही थी | उन्हें एहसास होने लगा था कि, जानवरों के, जंगल को काटकर, शायद हमने बहुत बड़ी गलती की है | चिड़िया घर के अंदर भालू, हाथी, शेर, साँप और कई तरह के पक्षी रह रहे थे | एक रात सभी जानवर, भूतिया प्रभाव से उग्र हो जाते हैं और खंडहर की दीवारों को, धक्का मार मार के गिरा देते हैं | दीवार गिरते ही, सभी जानवर रिहायशी क्षेत्रों की तरफ़ दौड़ पड़ते हैं | भूतिया चिड़ियाघर ( bhutiya chidiyaghar ) ख़ाली हो चुका था और सड़कों में जानवर, मौत का तांडव मचा रहे थे | रास्ते से निकलने वाली गाड़ियों को हाथी अपने हमले से क्षतिग्रस्त कर रहे थे और शेर, चीते इंसानों को कई टुकड़ों में काट रहे थे | शहर की सड़कों पर खून की नदियां बहने लगी और प्रशासन हाथ में हाथ धरे बैठा था | किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था, कि इतने सारे जानवरों को कैसे क़ाबू में किया जाए | सारे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था | सभी को लग रहा था कि, जंगली जानवर अचानक जंगलों के कटने से पागल हो चुके हैं, इसलिए इतना नरसंहार कर रहे हैं | किसी भी क़ानून में, इंसानों की जान को, प्राथमिकता दी जाती है, इसलिए जंगली जानवरों को मारने के आदेश जारी कर दिए जाते हैं और आदमख़ोर जानवरों को, हेलिकॉप्टर की मदद से ट्रैक किया जाने लगता है | शहर के चारों तरफ़ मौत मंडरा रही थी | जानवर अब कॉलोनियों में घुस कर, लोगों के घर तोड़ने लगे | जानवरों की दहशत से कोई पहाड़ में भाग रहा था तो, कोई पेड़ में चढ़ रहा था | सब कहीं न कहीं, अपनी जान बचाने में लगे हुए थे | सारे शहर में आर्मी तैनात कर दी जाती है और आर्मी टैंक रोड पर, जानवरों को ढूंढ ढूंढकर मार रहे होते हैं, लेकिन जानवरों के अंदर भूत सवार थे, इसलिए वह बेख़ौफ़ होकर, आर्मी के टैंकों की धज्जियाँ उड़ा देते हैं | हाथी अपनी ज़ोरदार टक्कर से, कई टैंकों को धराशायी कर देते हैं | जानवर किसी के कंट्रोल में नहीं आ रहे थे | तभी अचानक ऊपर उड़ रहे हेलीकॉप्टर पर, एक विशालकाय बाज़, झपट्टा मार देता है, जिससे हेलीकॉप्टर का संतुलन बिगड़ जाता है और हेलीकॉप्टर घने जंगल में जा गिरता है, जिससे जंगल में एक ज़ोरदार धमाका होता है और हेलिकॉप्टर के अंदर उपस्थित सभी लोगों की जान चली जाती है |

bhutiya chidiyaghar
Image by skooloff from Pixabay

भूतिया जानवरों ने आतंक मचा दिया था, लेकिन इसके लिए ज़िम्मेदार हम लोग थे, जिन्होंने उनके जंगलों को, अपने फ़ायदे के लिए कटने दिया और जंगली जानवरों को मजबूरी में उस भूतिया चिड़ियाघर ( bhutiya chidiyaghar ) में आकर रहना पड़ा | आर्मी की गोली से अचानक एक शेर मर जाता है, जिसे उठाकर अनुसंधान केन्द्र लाया जाता है, ताकि उसकी जाँच से पता लगाया जा सके है कि, सभी जानवर किस वजह से ऐसा बर्ताव कर रहे हैं | सभी परीक्षणों की रिपोर्ट आने के बाद, वैज्ञानिकों को पता चलता है कि, जानवरों के मानसिक हार्मोनल परिवर्तन हुए हैं और यह बदलाव कुछ समय पहले ही हुए हैं, लेकिन ऐसा क्यों हुआ और जानवर ऐसा किस वजह से कर रहे थे, इसका पता खंडहर के अंदर ही चल सकता था, वैज्ञानिकों को खंडहर में कुछ संदेह उत्पन्न होता है, इसलिए वह जाँच करने के लिए, अपने यंत्रों के साथ, उसी भूतिया चिड़ियाघर ( bhutiya chidiyaghar ) पहुँच जाते हैं और सारे खंडहर के कोने कोने की, फ़्रीक्वेंसी की जाँच करते हैं | तब उन्हें अपने डिवाइस पर, आत्माओं के होने के संकेत दिखाई देते हैं | वैज्ञानिकों को पता चल जाता है कि, सभी जानवरों के शरीर को भूत प्रेतों ने क़ब्ज़ा कर लिया है और अब भूत ही शहर में आतंक मचा रहे हैं | वैज्ञानिक प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाक़ात करते हैं और बताते हैं कि, सभी जानवरों के आदमखोर बनने की वजह, भूतिया आत्माएँ है जो, कि उस खंडहर में मौजूद हैं | हमें जानवरों के अंदर से भूत निकालना होगा, ताकि जानवरों को संरक्षित जा सके और शहर को श्मशान बनने से रोका जा सके | जानवरों को पकड़ने के लिए, स्पेशल कमांडो की एक टीम बनायी जाती है, जिन्हें कुछ ख़ास हथियार दिए जाते हैं | कमांडो एक एक करके, सभी जानवरों को “बुलेट गन इंजेक्शन” की मदद से क़ाबू में कर लेते हैं, लेकिन मजबूरी में कुछ जानवरों को, जान से मारना पड़ता है | जानवरों को रिसर्च सेंटर लाया जाता है और उनके मानसिक बर्ताव को, ठीक करने के लिए, उनका न्यूरो हार्मोन ट्रांसप्लांट किया जाता है |

भूतिया चिड़ियाघर
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कई दिनों के इलाज के बाद, सभी जानवरों की हालात ठीक होने लगती है, लेकिन उस भूतिया चिड़ियाघर ( bhutiya chidiyaghar ) को हमेशा हमेशा के लिए, ध्वस्त कर दिया जाता है | भूत केवल इंसानों को नहीं, जानवरों को भी क्षति पहुँचा सकते हैं, यह बात वैज्ञानिकों को समझ में आ चुकी थी और जानवरों के आतंक के ख़त्म होने के साथ, ये कहानी ( ghost ki kahani ) भी समाप्त हो जाती है |

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